Shodashi - An Overview

Wiki Article



The mantra seeks the blessings of Tripura Sundari to manifest and satisfy all wanted results and aspirations. It's thought to invoke the mixed energies of Mahalakshmi, Lakshmi, and Kali, with the ultimate goal of attaining abundance, prosperity, and fulfillment in all elements of lifetime.

षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥

हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता

The Devas then prayed to her to wipe out Bhandasura and restore Dharma. She is thought to acquire fought the mom of all battles with Bhandasura – some scholars are from the watch that Bhandasura took many sorts and Devi appeared in different forms to annihilate him. Finally, she killed Bhandasura While using the Kameshwarastra.

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

By embracing Shodashi’s teachings, people cultivate a lifetime enriched with reason, like, and relationship on the divine. Her blessings remind devotees of your infinite magnificence and knowledge that reside more info inside of, empowering them to Dwell with authenticity and Pleasure.

अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।

केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥

सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Report this wiki page